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मां नर्मदा व प्रकृति के संरक्षण का संकल्प लिए मां नर्मदा के अनन्य भक्त तपस्वी दादागुरुजी आज सुबह पहुंचे,धामनोद के गुरुकुल स्कूल।

दादागुरुजी माँ नर्मदा को प्रदूषण से मुक्त कराने के संकल्प के अंतर्गत पिछले 28 महीने से लगातार कर रहे निराहार व्रत, वृक्षारोपण के साथ माँ नर्मदा के संरक्षण का दिलाया संकल्प।

धामनोद//रिपोर्टर-दिव्येश सिंघलधामनोद//जो माँ के साथ रहते हैं वे सर्वश्रेष्ठ कार्य करते हैं। उक्त मंत्र दादा गुरुजी ने आज सुबह गुरुकुल स्कूल के विद्यार्थियों के साथ समस्त धामनोद क्षेत्र के निवासियों को दिया। माँ नर्मदा व प्रकृति के संरक्षण का संकल्प लिए माँ नर्मदा के अनन्य भक्त व तपस्वी पूजनीय दादागुरुजी,महाराज अलबेला और कई नर्मदा परिक्रमा वासियों का काफिला धरमपुरी के विधायक पांचीलाल मेड़ा व नगर के गणमान्य अतिथियों और नगर के पत्रकारों के साथ आज सुबह धामनोद के गुरुकुल स्कूल में पहुँचा। जहाँ प्रह्लाद भण्डारी ने सपरिवार, विद्यालय प्रबंधन के सदस्यों, शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ उनका स्वागत किया। विद्यालय की प्रार्थना सभा में समस्त विद्यालय को संबोधित करते हुए दादा गुरुजी ने बताया कि माँ नर्मदा के जल के साथ इसके तट पर स्थित इस क्षेत्र की मिट्टी में अद्भूत जीवनदायी शक्ति है। हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि हमें नित्य माँ का दर्शन और आशीर्वाद मिलता है। उन्होंने आह्वान किया कि हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य यह होना चाहिये कि हम अपने किसी भी कार्य से माता का आँचल मैला न होने दें। नर्मदा तट पर अपने साथ साबुन ,सर्फ, पॉलिथीन जैसे किसी भी प्रदूषणकारी पदार्थों को नहीं ले जाना चाहिए। उन्होंने सभी को वृक्षारोपण के साथ माँ नर्मदा के संरक्षण का संकल्प दिलाया। ज्ञातव्य है कि दादागुरुजी नर्मदा को प्रदूषण से मुक्त कराने के संकल्प के अंर्तगत पिछले अट्ठाइस महीनों से लगातार निराहार व्रत कर रहे हैं। वे आहार के नाम पर केवल नर्मदा का जल लेते हैं जो कि एक विश्व रिकॉर्ड होकर गिनीज बुक में भी दर्ज हो चुका है। साथ ही उनके द्वारा आरंभ किया यह मिशन अब जनान्दोलन बन चुका है। भण्डारी ने उन्हें श्रीफल,शाल भेंटकर आशीर्वाद लिया और विद्यालय परिसर में उनके कर कमलों से वृक्षारोपण करवाया। समस्त अतिथियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए उन्हें स्वलपाहार करवाकर उनके आगामी पड़ाव हेतु विदा किया गया।

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