किस्मत से मिली PM की कुर्सी! 15 साल में सबसे सफल प्रधानमंत्री बने स्कॉट मॉरिसन, एक बार फिर ‘रेस’ में
कैनबरा : ऑस्ट्रेलिया में प्रधाननंत्री चुनाव होने वाले हैं और ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन एक बार फिर इस रेस में शामिल हैं। मॉरिसन हालिया वर्षों में ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल प्रधानमंत्रियों में शुमार हो गए हैं। शनिवार को होने वाले आम चुनाव में वह एक बार फिर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। मॉरिसन साल 2007 के बाद से अपना कार्यकाल पूरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं।
उस साल ऑस्ट्रेलिया के दूसरे सबसे अधिक समय तक प्रधानमंत्री रहे जॉन होवार्ड चुनाव हार गए थे। जॉन होवार्ड 12 साल तक ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री रहे थे। होवार्ड और मॉरिसन के बीच ऑस्ट्रेलिया में चार प्रधानमंत्री बदले, जिनमें केविन रड भी शामिल हैं, जो ऑस्ट्रेलिया में राजनीतिक अस्थिरता के दौर में दो बार प्रधानमंत्री रहे। अन्य तीन प्रधानमंत्रियों को उनकी खुद की पार्टी ने पद से हटा दिया था।
किस्मत से प्रधानमंत्री बने मॉरिसन
मॉरिसन (54) के बारे में कहा जाता है कि वह संयोग से प्रधानमंत्री बने जब 2018 में तत्कालीन सरकार ने प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल को हटाकर उन्हें इस पद पर बिठा दिया। साल 2019 में हुए चुनाव में उनकी कन्जरवेटिव लिबरल पार्टी को मामूली अंतर से जीत मिली, लेकिन लेबर पार्टी की मदद से वह सत्ता में बने रहे। ऑस्ट्रेलिया में लोअर चेंबर यानी निचले सदन की 151 सीटों के लिए मतदान होगा। इसका कार्यकाल तीन साल का होता है।
ऑस्ट्रेलिया चुनाव में किनके बीच मुकाबला?
ऑस्ट्रेलिया के चुनाव में महंगाई, जलवायु परिवर्तन और चीन सबसे बड़ा मुद्दा है। PM मोदी के मित्रों में से एक प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और विपक्षी लेबर पार्टी के नेता एंथोनी अल्बनीज के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है। प्रधानमंत्री मॉरिसन ने कहा है कि मुद्रास्फीति दुनियाभर में हुई है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने इसमें बेहर प्रदर्शन किया है। वहीं अल्बनीज चाहते हैं कि मजदूरी को भी मुद्रास्फीति के साथ बढ़ाया जाए।