नगर पंचायत में हुआ खेला…..
परिषद सम्मिलन में हुए प्रस्ताव खारिज,चलित मीटिंग कर प्रस्ताव को पास करने का किया गया प्रयास।
वार्ड क्रमांक 15 की पार्षद का पत्र सोशल मीडिया पर हुआ वायरल, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष द्वारा दबाव बनाकर करवाए हस्ताक्षर।
धामनोद//रिपोर्टर-दिव्येश सिंघलधामनोद// धार जिले की धामनोद नगर परिषद यूं तो हमेशा ही सुर्खियों में रहती है। आए दिन कुछ ना कुछ कारनामे कर,पद का दुरुपयोग कर एवं भ्रष्टाचार के लिए चर्चित रहती है।
ऐसा ही एक और मामला धामनोद नगर पंचायत अध्यक्ष दिनेश शर्मा का सोशल मीडिया पर सामने आया। जिसमें धामनोद नगर परिषद की वार्ड क्रमांक 15 की पार्षद देवकन्या मुकाती का पत्र सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। दिनांक 03 /11/22 को पार्षद देवकन्या मुकाती द्वारा मुख्य नगरपालिका अधिकारी के नाम पर एक पत्र लिखा गया । जिसमें उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया कि,दीपावली के दिन मेरे घर पूजन की तैयारी की जा रही थी। उसी वक्त मुझे नगर परिषद अध्यक्ष दिनेश शर्मा , उपाध्यक्ष विष्णु कर्मा व रवि पटेल के द्वारा नगर परिषद कार्यालय बुलाया गया। और पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाया गया। इस पर पार्षद द्वारा हस्ताक्षर करने से मना किया गया तो उक्त व्यक्ति के द्वारा कोई बड़ा विषय नहीं है कहकर जबरदस्ती पार्षद देवकन्या मुकाती से पत्र पर हस्ताक्षर करवाए गए। त्योहार के कारण जल्दबाजी में बिना पढ़े ही वार्ड क्रमांक 15 की पार्षद देवकन्या मुकाती द्वारा पत्र पर दबाव के चलते हस्ताक्षर कर दिए गए। बाद में जब अटकल बाजियों का बाजार गरम हुआ जिसके कारण बगैर पढ़े हस्ताक्षर करने पर पार्षद देवकन्या मुकाती द्वारा, कोई असंवैधानिक कार्य ना हो इस हेतु नामांतरण को निरस्त करने के लिए मुख्य नगरपालिका अधिकारी को एक आवेदन सौंपा गया।सूत्रों की माने तो पूरा मामला यह है कि, दिनांक 10 मार्च 2021 को नगर पंचायत ने एक एजेंटा निकाला गया था। जिसमें 25 मार्च 2021 को एक नगर पंचायत का सम्मिलन आहत किया गया था। उक्त सम्मिलन के प्रस्ताव क्रमांक 9 में दिनेश पिता लालचंद शर्मा की मंडी दुकान क्रमांक 01 का नामांतरण किया जाने की स्वीकृति हेतु विचार रखा गया था। जिस पर वार्ड क्रमांक 12 के पार्षद सतीश चौधरी व अन्य पार्षदों ने उक्त प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया गया। उक्त प्रस्ताव को नामंजूर होने के बाद भी कहीं ना कहीं नगर पंचायत अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए, बाद में चलीत प्रस्ताव लाकर उक्त प्रस्ताव को पास कराए जाने के लिए प्रयास किया जा रहा था। जो की विधि सम्मत गलत है। इस पर देवकन्या मुकाती से नगर परिषद के अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों द्वारा नामांतरण पर जबरदस्ती हस्ताक्षर करवाए गए। जिसे निरस्त करने के संबंध में एक आवेदन मुख्य नगरपालिका अधिकारी को सौंपकर कोई असंवैधानिक कार्य नहीं हो इस हेतु पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया।