कोर्ट में चल रही कार्यवाही को नजरअंदाज कर, मनजीत कंपनी कर रही है, सेंचुरी के श्रमिकों पर दादागिरी। मनजीत कंपनी सेंचुरी के मजदूरों को कर रही मानसिक टॉर्चर,न्याय के लिए श्रमिक जनता संघ सदस्य और समाज सेवी बैठे,अनशन पर।
* मगरखेड़ी// दिव्येश सिंघल*
मगरखेड़ी// सेंचुरी यार्न और डेनिम जो लगभग 30 वर्षों से चल रही थी । आज मजदूरों द्वारा कथित मनजीत की फर्जी बिक्री जो हुआ है, उसमें नया मोड़ आ गया, जब मजदूरों को अनशन करना पड़ा। सभी को ज्ञात है की, 2017 में जब सेंचुरी कंपनी की फर्जी बिक्री को जब जब हाईकोर्ट ने सही माना तब से नए नए विवाद सेंचुरी कंपनी कर रही है। उसी क्रम में वेयरइट ग्लोबल की बिक्री हाई कोर्ट द्वारा फर्जी साबित होने के बाद, अब सेंचुरी कंपनी मनजीत को बेच दी। पर जब रजिस्टार, रजिस्ट्री की जांच कर रहा है तो सेंचुरी कंपनी रिप्लाई तक, आज 8 माह बाद भी नहीं दे रही । और उधर हाई कोर्ट की तारीख 6 जुलाई को है, फिर भी मनजीत कंपनी सेंचुरी के मजदूरों को मानसिक टॉर्चर कर रही है । टॉर्चर तो बहुत प्रकार से कर रही है पर, अभी तत्काल में कंपनी मजदूरों को 30 साल से रह रहे उसकी, उनकी कॉलोनी से जबरन निकालने का प्रयास कर रही है । जैसे अगर मजदूर सब्जी या डॉक्टर को दिखाने भी जाता है तो मनजीत के मैनेजर उनको उनके ही रूम में नहीं जाने दे रहे हैं और मजदूर परेशान हो रहा है । यहां तक कि गार्ड द्वारा धमकी भी दी जा रही है ।
जब रमेश सिंह, ध्रुवराज सिंह, राम कैलाश, किशोर समुंद्री को कंपनी मात्र सब्जी और डॉक्टर को दिखाने जाने पर भी उनका गेट बंद कर दिया। जबकि उनका सारा सामान वर्कर कॉलोनी में पड़ा है और यह मजदूर 3 दिन से भूखे प्यासे गेट पर बैठे हुए हैं । यह देख श्रमिक जनता संघ सदस्य और समाज सेवी राजकुमार दुबे अनशन पर बैठने को मजबूर हो गए और आज अनशन का तीसरा दिन है। अब मजदूरों की मांग है कि, जब तक इनकी खरीदी बिक्री का और कोर्ट का फैसला नहीं हो जाता। तब तक मनजीत कंपनी दादागिरी बंद कर, उनको उनके घर में रहने दे और किसी भी प्रकार परेशान ना करें । वरना मजदूर मजबूर नहीं है आगे और भी आंदोलन को बढ़ा सकते हैं न्याय के लिए।