शुरू होने से पहले ही मांडू उत्सव विवादों के घेरे में…. उत्सव के नाम पर किया जा रहा करोड़ों का खेला,मांडू की सांस्कृतिक पहचान से भी हो रही छेड़छाड़।
विधायक ने कहा-विधानसभा में उठाऊंगा मुद्दा।
इवेंट कंपनी की मनमानी और भ्रष्टाचार के खिलाफ जनप्रतिनिधि पर्यटन मंत्री के सामने देंगे धरना।
मांडू //रिपोर्टर-ऋषिराज जायसवाल मांडू// मांडू उत्सव का आयोजन करने वाली इफेक्टर इंटरटेनमेंट कंपनी की मनमानी और भ्रष्ट रवैया के चलते मांडू उत्सव का स्तर लगातार गिर रहा है।शुरू होने से पहले ही मांडू उत्सव विवादों के घेरे में आ गया है। दो उत्सव और इस वर्ष के उत्सव का बजट लगभग 14 करोड के आसपास पहुंचता है । कला प्रेमियों का यह आरोप है कि , आखिर यह बजट कहां खर्च किया जा रहा है । आयोजनकर्ता मांडू के नाम पर करोड़ों का भ्रष्टाचार कर रहे हैं। इधर मांडू उत्सव के गिरते स्तर और मांडू की सांस्कृतिक पहचान से छेड़छाड़ को लेकर जनप्रतिनिधि और नगरवासी अब मुखर हो गए हैं। विधायक पाचीलाल मेडा, नगर परिषद अध्यक्ष मालती जयराम गांवर, नप उपाध्यक्ष कृष्णा यादव ने आयोजनकर्ता पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि करोड़ों का बजट होने के बाद भी उस स्तर के कलाकार नहीं बुलाए जा रहे जिसके कारण कलाप्रेमी इस उत्सव से नहीं जुड़ रहे हैं। उनका कहना है कि इवेंट कंपनी की मनमानी , पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों की उन पर मेहरबानी, भ्रष्टाचार की तरफ इशारा करती है।
गौरतलब है की मांडू उत्सव प्रदेश में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है पर पिछले 3 वर्षों से यह सिर्फ बैंड कल्चर तक सीमित हो गया है। पिछले कई दशकों से जिला प्रशासन और उस्ताद अलाउद्दीन खान संगीत एवं कला अकादमी इस उत्सव को करते आए हैं। जिसके चलते यह पूरे प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में एक लोकप्रिय उत्सव माना जाता है पर पिछले कुछ वर्षों से जब से ठेका पद्धति शुरू हुई है उत्सव अपने वास्तविक स्वरूप को खो चुका है।
उत्सव है या मजाक , भ्रष्टाचार का मुद्दा विधानसभा में उठेगा-
क्षेत्रीय विधायक पाचीलाल मेडा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय लोगों से मुझे लगातार शिकायतें मिल रही है। मांडू में पर्यटक बड़े और स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके इस उत्सव का प्रमुख उद्देश्य रहता है लेकिन इवेंट कंपनी ने सारे बाहर के लोगों को काम दे रखा है। स्थानीय लोगों को यह इवेंट से दूर रखना चाहती है ताकि इनका सच उजागर ना हो सके । करोड़ों का बजट होने के बाद भी बड़े कलाकार भी नहीं आ रहे हैं। कार्यक्रम में दोहराव और स्कूलों में होने वाले सांस्कृतिक आयोजन जैसा यह इवेंट बनकर रह गया है। ईवेट कंपनी वाले मेरी अवहेलना करते हैं मेरा फोन नहीं उठाते हैं मैं इस क्षेत्र का विधायक हूं और मेरे साथ ऐसा व्यवहार करते हैं तो आम आदमी से कैसा व्यवहार करते होंगे। इफेक्टर इवेंट कंपनी सुन ले, आज सरकार आपकी है लेकिन कल हमारी होगी और सरकार हमारी आते ही आपके सारे काले कारनामे उजागर होंगे उसे मैं उजागर करूगा मैं आज ही राज्यपाल ,मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, पर्यटन मंत्रालय के प्रमुख सचिव को पत्र लिख रहा हूं उत्सव के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा है मैं इसकी शिकायत करूंगा। और इस मुद्दे को विधानसभा में उठाऊंगा।
अफसरों का उत्सव बनकर रह गया, मांडू के नाम पर हो रहा खिलवाड़-
नगर परिषद अध्यक्ष मालती जय राम गावर ने कहा कि, उत्सव के नाम पर करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार हो रहा है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों से आज तक कोई बातचीत नहीं हुई ना कोई सुझाव मांगे गए। आयोजन करने वालों का रवैया बेहद खराब होता है। कला प्रेमियों और स्थानीय लोगों से कोई मतलब नहीं, यह तो सिर्फ अफसरों और उनके परिवारों का उत्सव बनकर रह गया है। पिछले 2 उत्सव में लगभग 8 करोड रुपए खर्च किए गए हम सूचना के अधिकार के तहत इसकी जानकारी मांगेंगे।
शुभारंभ के दिन मंत्री के सामने देंगे धरना-
नगर परिषद उपाध्यक्ष कृष्णा यादव ने कहा कि मांडू के विकास के लिए पर्यटन मंत्रालय के पास फंड नहीं होता पर उत्सव के नाम पर करोड़ों खर्च हो जाते हैं। मांडू उत्सव में आने वाले कलाकारों में एक भी बड़ा नाम नहीं है एक जैसे आयोजन हो रहे हैं। टेंट सिटी लगाकर , स्थानीय होटल व्यवसायियों को बेरोजगार करने का प्रयास पर्यटन मंत्रालय कर रहा है। हम शुभारंभ के दिन सभी पार्षद और नगरवासी आयोजन करने वाली कंपनी के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे।
बजट की बात की तो टाल गए पर्यटन बोर्ड के डेप्युटी डायरेक्टर पटोले-
इस मुद्दे को लेकर जब मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के डेप्युटी डायरेक्टर युवराज पटोले से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि बजट के बारे में जानकारी निकाल कर बताता हूं मैं कल मांडू आ रहा हूं आप सभी से मिलूंगा। बजट का छोड़ दीजिए और अच्छी पॉजिटिव खबर लगा दीजिए।
उत्सव के नाम पर करोड़ों का खेला-
मांडू उत्सव के नाम जारी बजट की जब जानकारी निकाली गई तो बड़ी जानकारी निकलकर सामने आई। वर्ष 2019 में 4 करोड़ 90 लाख 29 हजार रुपयों का भुगतान इफेक्टर कंपनी को किया गया। टूरिज्म बोर्ड की एडिशनल मैनेजिंग डायरेक्टर भावना विलंबे हस्ताक्षर का पत्र उपलब्ध है। इसके बाद अगले वर्ष 2020-21 में 10 प्रतिशत राशि बढ़ाई गई। इस वर्ष फिर पर्यटन बोर्ड द्वारा इफेक्टर को वर्ष 2022 और 23 के लिए मांडू उत्सव के आयोजन के अधिकार दिए गए। वही टेंडर आवंटन दस्तावेजों में कई शर्तें रखी गई है जिसका पालन इवेंट कंपनी को करना है, जैसे प्रचार- प्रसार हेतु फ्लैट हार्डिंग का साइज नगर के महलों पेड़ों और दीवारों को सुसज्जित करने के साथ-साथ आकर्षक लाइटिंग वाले बड़े गेट भी लगाना है लेकिन इवेंट कंपनी साल दर साल इसमें कटौती करते चले जा रही है। कलाप्रेमी के मन में यह सवाल उठ रहा है कि 4 से 5 करोड़ रुपए का बजट आखिर कहां जा रहा है और कहां खर्च हो रहा है इसकी बड़े स्तर पर जांच होनी । मांडू उत्सव 7 जनवरी से शुरू होने वाला है ।