श्रावण के पवित्र माह में श्री बिलवामृतेश्वर महादेव के सामने साक्षात आकर बैठे नंदी बाबा, दर्शन हेतु उमड़े शिव भक्त।
बेट संस्थान मंदिर में दिखा एक अद्भुत नजारा, भक्तों ने किया कैमरे में कैद, मंदिर परिसर गूँजा भोले शंभू भोलेनाथ के जयकारों से।
धरमपुरी // रिपोर्टर-त्रिलोक राठौड़
धरमपुरी // श्रावण के इस पवित्र महीने में नर्मदा की दो धाराओं के बीच टापू पर स्थित स्वयंभू भगवान श्री बिल्वामृतेश्वर महादेव के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में शिव भक्तों का तांता लग रहा है। हर कोई शिव भक्ति में लीन है। वही बेट संस्थान मन्दिर में एक अद्भुत नजारा देखने को मिला जब स्वयं भगवान श्री बिल्वामृतेश्वर महादेव की लिंग के सामने साक्षात नन्दी बाबा ने आकर दर्शन दिए। जिसके बाद दर्शन के लिए मंदिर में मोजूद भक्तो की भीड़ लग गई।
पूरा मंदिर परिसर भोले शम्भू भोलेनाथ के जयकारों से गूंज उठा। हर कोई साक्षात दर्शन कर अपने आपको धन्य मान कर,इसे भगवान शिव का चमत्कार मान रहे थे। इस अद्भुत नजारे को लोगो ने अपने मोबाईल के कैमरे में भी कैद किया है। भगवान शिव और बाबा नन्दी का यह अद्भुत नजारा गुरुवार शाम को देखा गया। भगवान शिव के गेट के सामने पहले एक प्राचीन भव्य नन्दी की प्रतिमा मोजूद है ठीक उसके सामने यह साक्षात नन्दी बाबा बैठे हुए देखे गये।
बता दे की यह भव्य टापू पवित्र होकर पौराणिक समय से स्थित है इसे एक अद्भुत टापू खनिज,वन संपदा तथा साधना स्थली गुफ़ाओ,घाटो से अलंकृत द्वीप एक तपोभूमि होकर इस स्थल का उल्लेख स्कंद पुराण रेवा खंड में 767,769 उपलब्ध है।इस टापू पर भगवान श्रीराम के पूर्वज महाराजा रंतिदेव ने मनोकामना की प्राप्ति के लिये यज्ञ किया था, राजा रंतिदेव की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव स्वयं मानव रूप में यज्ञ कुंड से प्रकट हुए ओर यहां शिवलिंग के रूप में स्थापित हो गए।यज्ञ में आम्र और बिल्वफल की आहुतियों के कारण ही यह श्री बिल्वामृतेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध हुए। यह भव्य मंदिर सदियों पुराना हे एव नर्मदा नदी के मध्य में स्थित है। यहाँ जो भी भक्त सच्चे मन से जो भी कामना करता है भगवान श्रीबिल्वामृतेश्वर महादेव उसकी मनोकामना पूरी करते है।