बुरहानपुर कोर्ट ने नेपानगर विधायक सुमित्रा कासडेकर पर, दिए FRI करने के निर्देश।
फर्जी दस्तावेज के आधार पर चुनाव लड़ने का मामला आया सामने, एफआईआर की खबर से भारतीय जनता पार्टी को लगा बड़ा धक्का।
खांडवा // रिपोर्टर-भारत गौड़
खंडवा // कांग्रेस छोड़ भाजपा से चुनाव लड़कर नेपानगर विधायक बनी सुमित्रा कासडेकर पर बुरहानपुर की एक कोर्ट ने एफआईआर के आदेश दिए हैं। कोर्ट में फरियादी बालचंद ने पिटीशन दायर की थी जिसमें दावा किया गया था कि,सुमित्रा कासडकर ने फर्जी दस्तावेज लगाकर विधायक चुनाव लड़ा है। उन्होंने अपनी पिटिशन में मांग की थी कि,फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चुनाव लड़ी सुमित्रा कासडकर पर 420 सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया जाए। फरियादी के वकील ने बताया कि,30 मई को कोर्ट ने सुमित्रा कासडेकर के खिलाफ एफआईआर करने के आदेश दिए हैं। इस आदेश के बाद भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है।बुरहानपुर के जिला न्यायालय में नेपानगर विधायक सुमित्रा कासडेकर के खिलाफ एक पिटीशन दायर की गई थी। पिटीशनर बालचंद ने अपनी प्री पिटिशन में दावा किया कि,सुमित्रा कासडेकर ने फर्जी दस्तावेज चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुत कर चुनाव लड़ा है। जिसके बाद वह विधायक चुनी गई है। कोर्ट ने फरियादी बालचंद की पिटीशन पर फैसला सुनाते हुए खकनार पुलिस को प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए है।
पिटिशन दाखिल करने वाले वकील ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि, मामला उपचुनाव का है।जहा नामांकन दाखिल करते समय उन्होंने अपने कई दस्तावेज फर्जी तौर पर पेश किए। विधायक ने गैस एजेंसी लेते समय और नामांकन दाखिल करते समय जन्मतिथि और शैक्षिक योग्यता अलग-अलग दर्शाइ है। न्यायालय ने सुनवाई के बाद विधायक सुमित्रा कासडेकर पर 420, 467 सहित अन्य धाराओं में अपराध पंजीबद्ध करने के निर्देश दिए है। फरयादी के अधिवक्ता जहीरुद्दीन शेख ने बताया कि, उन्होंने धारा 156/3 के तहत कोर्ट में परिवाद दायर किया था जिसमें सुमित्रा कासडेकर के खिलाफ केस दर्ज किया जाए।
दल बदल कर लड़ा गया चुनाव :-
बता दें कि सुमित्रा कासडेकर पहले कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ कर कमलनाथ सरकार में विधायक बनी थी। कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के बाद सुमित्रा कासडेकर ने भी विधायक पद और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गई और उपचुनाव में बीजेपी के सिंबोल से चुनाव लड़ कर एक बार फिर विधायक बन गई । अब पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव के समय भाजपा विधायक पर एफआईआर की खबर से भारतीय जनता पार्टी को बड़ा धक्का लगा है। इस मामले के सामने आने की बाद फिलहाल भारतीय जनता पार्टी की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।