धामनोद में तपती धूप में,बगैर पादुका के जैन संत का आवागमन जारी।
मुनिसेवा समिति धामनोद का सराहनीय योगदान....माताजी को, गुजरी से घाट ऊपर ढाल में सरकारी स्कूल में ठहराकर करवाई आहारचर्या।
धामनोद// रिपोर्टर दिव्येश सिंघल
धामनोद//धामनोद में भीषण गर्मी में जैन संत का आवागमन चल रहा। सन्त इस 46 सेल्सियस डिग्री में भी बगैर पादुका के दिगम्बर अवस्था मे अपनी तप साधना से इस तपन में गनन्तव्य स्थान पर चलते है। इन सन्तो को चलते फिरते भगवंत भी बोला जाता है । धामनोद नगर में एक सप्ताह में आचार्य श्री अनेकाकांतसागरजी महाराज के संघ में, 6 पिछिया थी। उनका आहार विहार समाज जनो के व मुनिसेवा समिति जो धामनोद में बनी हुई उनकी टीम ने सन्त को मानपुर से लेकर गुजरी धामनोद पैदल विहार करवा के लाये व आहारचर्या के बाद मगरखेड़ी व जुलवानिया तक समिति की टीम छोड़कर आयी। धार से मुनिश्री यत्नसागरजी का पैदल प्रवास सराय हुआ। समाजजन व मुनिसेवा समिति धामनोद लेकर , इस भीषण गर्मी में लेकर धामनोद आयी फिर पुनः सन्त जी को पैदल दोपहर 4 बजे मगरखेड़ी विहार करवाते ले गई ।
धरमपुरी से सुनयन माताजी का आगमन हुआ उनको पिपलदागड़ी से विहार करवा के धामनोद लाये । माताजी की आहारचर्या हुई दूसरे दिन गुजरी माताजी का पैदल ही विहार हुआ । माताजी को, मुनिसेवा समिति गुजरी से घाट ऊपर ढाल में सरकारी स्कूल में ठहराकर मुनिसेवा समिति व महिलामण्डल ने , आहारचर्या करवायी । इस भीषण गर्मी में मॉनव को राहत नही मिल रही । पक्षी, मवेशी सभी जीव परेशान हो रहे। ऐसी हालत में जैन सन्त जैन माताजियो की साधना कितनी कठिन कर रहे जो हमे साक्षात देखने को मिल रही। हमारा दिल कांप जाता है , जरा सा सड़क की तपन जो पैरों में चिपकती है, शरीर गर्म हो जाता। साथ मे समाजजन मुनिसेवा समिति धामनीद की साधना भी बहुत ही सराहनीय थी। उपरोक्त जानकारी समाज अध्य्क्ष महेश जैन व सचिव दीपक प्रधान व मुनी सेवा समिति के अध्यक्ष सचिन जैन , सचिव संजय जैन ने दी। इन व्यवस्थाओ में समाजजन व महिलाओं मण्डल का विशेष सहयोग रहा।