पंच चुनी गई महिलाएं, अधिकारियों की जगह स्थानीय नेताओं ने पतियों को दिला दी शपथ।
सुंद्रेल ग्राम पंचायत ने,शासन की मंशा और महिला सशक्तिकरण के दावों की खोली पोल।
धरमपुरी// रिपोर्टर जफर अली
धरमपुरी// धार जिले की धरमपुरी जनपद पंचायत क्षेत्र की ग्राम पंचायत सूंद्रेल आय के मामले में प्रदेश में अव्वल है । इसलिए मुख्यमंत्री के हाथों अवार्ड भी ले चुकी है । इसी कारण इस पंचायत पे काबिज होने के लिए सारे नेता एड़ी से चोटी तक का जोर लगाते है । इस बड़ी पंचायत में दबंगई दिखाने के चक्कर में नियमों को भी ताक में रख दिया जाता है । हाल ही के पंचायत चुनावों के बाद 3 अगस्त को यहां के शपथ ग्रहण समारोह ने शासन की, महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने की मंशा और महिला सशक्तिकरण के दावों की खुद ही पोल खोलकर रख दी है । साथ ही नियम कानूनों का भी यहां जमकर उल्लंघन हुआ है । शपथ कार्यक्रम में लोकतंत्र का खुला मजाक उड़ाकर रख दिया गया। शपथ समारोह का वीडियो वायरल होने के बाद, अब मामला तूल पकड़ता जा रहा है । वही प्रशासन के अधिकारी जाँच की बात कहकर पल्ला झाड़ते दिखाई दे रहे है।
हमारे देश का शासन-प्रशासन देश के आधारभूत ढांचे में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने हेतु 50% से अधिक आरक्षण देकर उन्हें आगे लाने के प्रयास में है । लेकिन ग्राम सुंद्रेल में महिला आरक्षण, नारी सशक्तिकरण को , जनप्रतिनिधियों ने अपनी मनमानी कर धत्ता दिखाते हुए, पंच चुनी गई। महिलाओं के अधिकारों का हनन करते हुए खुद उनके पतियों ने ही पद एवं गोपनीयता की शपथ ले ली। मामला यही नही रूका, जहाँ प्रशासन के नियुक्त प्रभारी अधिकारी को शपथ दिलवाना थी वहाँ नियमो को धत्ता बताते हुए गाँव के वरिष्ठ ने ही शपथ दिला डाली । ग्राम पंचायत के वार्ड 01 से निर्वाचित पंच राधाबाई की जगह उनके पति लखन ने शपथ ली । वार्ड 02 से निर्वाचित पंच लक्ष्मीबाई की जगह उनके पति दिलीप तो वार्ड 05 से पंच निर्वाचित किरण बाई की जगह उनके पति जीवन ने पंच पद की शपथ ले ली। ये तीनों पंच अनुसूचित जनजातीय वर्ग से आरक्षित है ।
दंबगई यही नही रूकी, पिछले 18 वर्षों से पंचायत के कार्यो में रोजगार से लगें गांव के ग्रामीणों को बिना किसी ठहराव प्रस्ताव के नोकरी से निकाल दिया गया । अब इस मामले में स्थानीय अन्य जनप्रतिनिधियों ने जनपद कार्यालय पहुँचकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की मांग की है ।
धार जिले की धरमपुरी जनपद पंचायत क्षेत्र की ग्राम पंचायत सूंद्रेल आय के मामले में प्रदेश में अव्वल है । इसलिए मुख्यमंत्री के हाथों अवार्ड भी ले चुकी है । इसी कारण इस पंचायत पे काबिज होने के लिए सारे नेता एड़ी से चोटी तक का जोर लगाते है । इस बड़ी पंचायत में दबंगई दिखाने के चक्कर में नियमों को भी ताक में रख दिया जाता है । हाल ही के पंचायत चुनावों के बाद 3 अगस्त को यहां के शपथ ग्रहण समारोह ने शासन की, महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने की मंशा और महिला सशक्तिकरण के दावों की खुद ही पोल खोलकर रख दी है । साथ ही नियम कानूनों का भी यहां जमकर उल्लंघन हुआ है । शपथ कार्यक्रम में लोकतंत्र का खुला मजाक उड़ाकर रख दिया गया। शपथ समारोह का वीडियो वायरल होने के बाद, अब मामला तूल पकड़ता जा रहा है । वही प्रशासन के अधिकारी जाँच की बात कहकर पल्ला झाड़ते दिखाई दे रहे है।
हमारे देश का शासन-प्रशासन देश के आधारभूत ढांचे में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने हेतु 50% से अधिक आरक्षण देकर उन्हें आगे लाने के प्रयास में है । लेकिन ग्राम सुंद्रेल में महिला आरक्षण, नारी सशक्तिकरण को , जनप्रतिनिधियों ने अपनी मनमानी कर धत्ता दिखाते हुए, पंच चुनी गई। महिलाओं के अधिकारों का हनन करते हुए खुद उनके पतियों ने ही पद एवं गोपनीयता की शपथ ले ली। मामला यही नही रूका, जहाँ प्रशासन के नियुक्त प्रभारी अधिकारी को शपथ दिलवाना थी वहाँ नियमो को धत्ता बताते हुए गाँव के वरिष्ठ ने ही शपथ दिला डाली । ग्राम पंचायत के वार्ड 01 से निर्वाचित पंच राधाबाई की जगह उनके पति लखन ने शपथ ली । वार्ड 02 से निर्वाचित पंच लक्ष्मीबाई की जगह उनके पति दिलीप तो वार्ड 05 से पंच निर्वाचित किरण बाई की जगह उनके पति जीवन ने पंच पद की शपथ ले ली। ये तीनों पंच अनुसूचित जनजातीय वर्ग से आरक्षित है ।
दंबगई यही नही रूकी, पिछले 18 वर्षों से पंचायत के कार्यो में रोजगार से लगें गांव के ग्रामीणों को बिना किसी ठहराव प्रस्ताव के नोकरी से निकाल दिया गया । अब इस मामले में स्थानीय अन्य जनप्रतिनिधियों ने जनपद कार्यालय पहुँचकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की मांग की है ।