तरक्की और खुशहाली मे योगदान देते हुए,देश के बेहतर नागरिक बने उक्त उदगार डॉ. सय्यदना आलीकदर मौला द्वारा कहा गया।
आलीकदर मौला के दीदार हेतु, मध्य प्रदेश, राजस्थान के लगभग 6 हजार से ज्यादा समाजजन पहुंचे।
बड़वानी // रिपोर्टर-इब्राहिम रिज़वी
बड़वानी // हम यहां मोहब्बत और इंसानियत का पैगाम देने आए है, अमन का पैगाम देने आए है। ऐ ऐहलेवला ऐ गुना परवरदिगार तुम्हें गुणागुन बरकत अता करें। रसुलल्लाह का पैगाम है कि,वतन की मोहब्बत ईमान का हिस्सा है । जिस देश मे रहों वहां के वफादार रहों और वहां की खुशहाली और तरक्की मे पुरा योगदान दो । 52 वे दाई डॉ.सय्यदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन मौला का भी यही संदेश रहता था कि,जहां पर रहों वहां की तरक्की और खुशहाली मे योगदान देते हुए उस देश के बेहतर नागरिक बने और जिस शहर मे रहते हो वहां के अच्छे शहरी बने। उक्त उदगार बोहरा समाज के 53 वें धर्मगुरु डॉक्टर सय्यदना आलीकदर मौला ने रविवार को गुना की बोहरा मस्जिद मे वाअज मे व्यक्त किए। उन्होंने फरमाया की किसी के प्रति घृणा, राग द्वेष ना हो सभी आपस मे मिलजुलकर रहे। दुसरी कौम के साथ अच्छे से रहे उनके काम आए। यह मुल्क और तरक्की करे हम दुआ करते है । दुनिया मे शांति और खुशहाली रहे इस अवसर पर खुदा से दुआ करता हुं की खुदा तुम्हें आबाद शाद रखे और एक हुसैन के गम सिवाय कोई गम ना दिखाए। अंत मे आलीकदर मौला ने इमाम हुसैन की शहादत पढ़ी तो समाजजनों की आंखों से आंसू बह निकले और मस्जिद एंव परिसर या हुसैन की आवाज से गूंज उठा। समाजजनों ने पूरजोश मातम किया।
बड़वानी जमात ने सय्यदना साहब से बड़वानी पधारने की अर्ज की :-
आज बड़वानी अंजुमन ऐ नजमी जमात आमुल साहब शेख़ युसूफ भाई के नेतृत्व मे सय्यदना आलीकदर मुफद्दल सैफुद्दीन मौला से बड़वानी पधारने की अर्ज की। बड़वानी मे समाज की दो मस्जिदों का इफ्तेताह सय्यदना साहब के हाथों से होना है। मौला ने अर्ज सुनी और तबस्सुम फरमाया। गुना की वाअज मे आपने बड़वानी आने का जिक्र किया तो यह ख़बर शहर मे आई तो समाजजनों की खुशियों का पार नहीं रहा।
गुना मे सय्यदना साहब को अर्ज के लिए गए जमात प्रतिनिधि मंडल मे अंजुमन ऐ नजमी जमात के सचिव शेख़ हुसैन भाई तुराबी,शेख़ बुरहानुद्दीन कमरी,शेख़ बाकीर भाई मुंशी, मोईज भाई सेमल्दा,शेख़ कमरुद्दीन भाई सोंडूल,खुजेमा भाई शेख़, शेख़ सादीक भाई राजपुर,मुल्ला मुफद्दल पटवा,दाऊद अंसारी, अब्बास बड़डा, काईद नुरखानजी,मुल्ला जाकीर भाई जोहर एंव अन्य लोग शामिल थे।आलीकदर मौला के दीदार और आपके नूरानी कलेमात की बरकत के लिए मध्यप्रदेश के अलावा राजस्थान के भी कई शहरों से लगभग 6 हजार समाजजन यहा पहुंचे थे।