जिला दंडाधिकारी डॉ. पंकज जैन ने प्रतिबंधात्मक आदेश किये जारी….
सोशल मीडिया पर रहे सावधान, एक आपत्तिजनक पोस्ट,संदेश,ऑडियो, वीडियो, भेज सकती है सलाखों के पीछे।
सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म में आपत्तिजनक एवं उन्माद फैलाने वाले संदेशों को ना करें प्रसारण,उल्लंघन करने पर होगी दंडात्मक कार्रवाई।
धार // रिपोर्टर दिव्येश सिंघल
धार // धार जिला दंडाधिकारी डॉ पंकज जैन ने धार की राजस्व सीमाओं के भीतर दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 धारा 144 के अधीन यह प्रतिबन्धित आदेश जारी किया है कि , कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों जैसे व्हाटसऐप, फेसबुक, हाईक ट्विटर, एसएमएस ,इन्स्टाग्राम इत्यादि का दुरुपयोग कर धार्मिक, सामाजिक जातिगत भावनाओं एवं विद्वेष को भड़काने के लिये किसी भी प्रकार के संदेशों के प्रसारण नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति उपरोक्त वर्णित सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म में किसी भी प्रकार के आपत्तिजनक एवं उन्माद फैलाने वाले संदेश, फोटो, ऑडियो ,वीडियो इत्यादि भी सम्मिलित है, जिसमें धार्मिक, सामाजिक, जातिगत आदि भावनायें भड़क सकती है या साम्प्रदायिक विद्वेष पैदा होता हो, को न ही प्रसारित करेगा या भेजेगा। सोशल मीडिया के किसी भी पोस्ट जिसमें धार्मिक, साम्प्रदायिक एवं जातिगत भावना भड़कती हो, को कमेट लाइक, शेयर या फारवर्ड नहीं करेगा । प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर बताया गया है कि, ग्रुप एडमिन की यह व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी कि वह ग्रुप में इस प्रकार के संदेशों को रोके। कोई भी व्यक्ति सामुदायिक, धार्मिक, जातिगत विद्वेष फैलाने या लोगों अथवा समुदाय के माध्य घृणा, वैमनस्यता पैदा करने या दुष्प्रेरित करने या उकसाने या हिंसा हेतु फैलाने का प्रयास उपरोक्त माध्यमों से नहीं करेगा और न ही इसके लिये प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति अफवाह या तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर भड़काने / उन्माद उत्पन्न करने वाल संदेश जिससे लोग या समुदाय विशेष हिंसा या गैर कानूनी गतिविधियों में संलग्न हो जाये को प्रसारित नहीं करेगा और न ही लाइक, शेयर या फॉरवर्ड करेगा तथा न ही ऐसा करने के लिये किसी को प्रेरित करेगा।
यह प्रतिबंधात्मक आदेश 15 जुलाई तक तत्काल प्रभाव से प्रभावशील रहेगा। उक्त आदेश का उल्लंघन करने की दशा में संबंधित के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188, सायबर विधि तथा अन्य अधिनियमों के अन्तर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।