ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के मामले को सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी की जिला अदालत को ट्रांसफर कर दिया है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम जिला जज पर सवाल नहीं उठा सकते, उनके पास 25 सालों का अनुभव है। इसके साथ ही कोर्ट ने ‘शिवलिंग’ मिलने वाले स्थान को सील रखने और मुस्लिमों को सीमित संख्या में नमाज पढ़ने देने और अलग स्थान पर वजू करने के अपने अंतरिम आदेश को भी जारी रखा है। कोर्ट ने कहा कि 17 मई को लागू किया गया यह आदेश 8 सप्ताह यानी 17 जुलाई तक लागू रहेगा। उसके बाद ही इस मामले की शीर्ष अदालत में सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये जटिल सामाजिक समस्याएं हैं। इसमें मनुष्य द्वारा किया गया कोई भी समाधान सटीक नहीं हो सकता। हमारा आदेश इस बात पर था कि शांति व्यवस्था बनी रहे। यह काम अंतरिम आदेश से हो सकता है। हम देश की एकता के लिए एक संयुक्त मिशन पर हैं। इसके अलावा रिपोर्ट लीक होने के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक बार यहां रिपोर्ट आ जाए तो फिर वह सेलेक्टिव तौर पर लीक नहीं हो सकती। इसके साथ ही बेंच ने हिदायत दी कि रिपोर्ट लीक नहीं होनी चाहिए। इसे सिर्फ जज ही खोल सकते हैं।
हिंदू पक्ष बोला, प्लेसेज ऑफ वर्शिप ऐक्ट के दायरे में नहीं यह मामला
हिंदू पक्ष ने कहा कि यह मामला 100 साल से पुराना है और यह 1991 के प्लेसेज ऑफ वर्शिप ऐक्ट के दायरे में नहीं आता है। ऐसे में इस केस की सुनवाई और सर्वे के लिए कोर्ट कमिशन के गठन पर सवाल नहीं उठाया जा सकता।
सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने कई सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि आखिर सर्वे रिपोर्ट लीक कैसे हो गई। इसके अलावा मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता ने सर्वे के लिए कोर्ट कमिशन के गठन को भी असंवैधानिक करार दिया। इसके अलावा उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर यथास्थिति बनाए रखने का सुझाव दिया। इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जिला जज के फैसले पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है, उनका 25 साल का लंबा अनुभव है और उन्हें सुनवाई करने देना चाहिए। बेंच ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि शांति, सौहार्द और भाईचारा बना रहे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जिला जज अनुभवी न्यायिक अधिकारी होते हैं, हम उन्हें आदेश जारी नहीं कर सकते।
इस बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी शुक्रवार को ही सुनवाई होनी थी, लेकिन यह टाल दी गई। वाराणसी के अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद और अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने सुनवाई की अगली तारीख छह जुलाई तय की। इस केस में मूल वाद वर्ष 1991 में वाराणसी की जिला अदालत में दायर किया गया था, जिसमें वाराणसी में जहां ज्ञानवापी मस्जिद मौजूद है, वहां प्राचीन मंदिर बहाल करने की मांग की गई थी। वाराणसी की अदालत ने आठ अप्रैल, 2021 को पांच सदस्यीय समिति गठित कर सदियों पुरानी ज्ञानवापी मस्जिद का समग्र भौतिक सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था।