बर्गर के साइज में धोखा करती हैं मैकडॉनल्ड्स और वेंडीज, केस दर्ज
बर्गर बेचने वाली दुनिया की दिग्गज कंपनी मैकडॉनल्ड्स और वेंडीज की मुश्किल बढ़ने वाली है। अमेरिका में न्यूयॉर्क के एक व्यक्ति ने इन कंपनियों पर भ्रामक विज्ञापन दिखाने का आरोप लगाते हुए लाखों डॉलर का मुआवजा मांगा है। उसकी दलील है कि इन कंपनियों के विज्ञापनों में बर्गर का साइज इसके असल आकार से बहुत बड़ा दिखता है। यह ग्राहकों के साथ सरासर धोखा है। उसने इन दोनों कंपनियों के खिलाफ मुकद्दमा दायर किया है और धोखा खाने वाले ग्राहकों के लिए 50 लाख डॉलर यानी करीब 3.88 अरब रुपये का मुआवजा मांगा है। ब्रिटेन में साल 2010 में बर्गर किंग के ऐसे विज्ञापन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक मैकडॉनल्ड्स और वेंडीज के खिलाफ दायर मुकद्दमे में कहा गया है कि मार्केटिंग में जो बर्गर दिखाया जाता है, वह इसके असल आकार से कम से कम 15 फीसदी बढ़ा होता है। सोशल मीडिया में भी इस पर काफी रिएक्शन आ रहे हैं। एक यूट्यूब रिव्यूवर ने Wendy’s के Bourbon Bacon Cheeseburger के बारे में कहा कि यह उतना बड़ा नहीं है जितना पिक्चर में दिखता है। एक अन्य रिव्यूवर ने कहा, ‘यह बहुत छोटा बर्गर है। मैं आपको इसलिए बता रहा हूं ताकि आप मेरी तरह निराश न हों।’
क्या कहते हैं जानकार
हालांकि न्यूयॉर्क की यूनिवर्सिटी ऑफ बफेलो में लॉ प्रोफेसर मार्क बार्थोलोम्यू ने कहा कि इस तरह के कमेंट्स अमेरिकी कोर्ट में केस जीतने के लिए नाकाफी हैं। उन्होंने कहा कि कोर्ट उन सबूतों पर गौर करेगा कि वास्तव में ग्राहकों के साथ धोखा हुआ है या नहीं और इन कंपनियों के विज्ञापनों से ग्राहकों की निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित हुई या नहीं। इसे साबित करना मुश्किल होगा क्योंकि फास्ट फूड कंपनियां यह तर्क दे सकती हैं कि मार्केटिंग में थोड़ा बहुत बढ़ाचढ़ाकर दिखाया जाता है और पब्लिक यह जानती है।
मार्च में बर्गर किंग के खिलाफ भी इसी तरह का मुकद्दमा दायर किया गया था। बर्गर किंग ने अब तक कोर्ट में अपना जवाब नहीं दिया है। लेकिन उसके खिलाफ शिकायत करने वालों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। इन शिकायतों में कहा गया है कि बर्गर कंपनियों के विज्ञापन भ्रामक होते हैं और इससे ग्राहकों को नुकसान होता है। विज्ञापन में बर्गर का जो साइज होता है, उससे कहीं छोटा बर्गर ग्राहकों को दिया जाता है।
ब्रिटेन ने लगाया था प्रतिबंध
ब्रिटेन में 2010 में बर्गर किंग के विज्ञापन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। उसके खिलाफ शिकायतों में कहा गया था कि कंपनी जो चिकन सैंडविच बेचती है, उसका साइज विज्ञापनों की तुलना में बहुत छोटा होता है। यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलाइना-चैपल हिल में लॉ प्रोफेसर देबराह गेरहार्ट ने कहा कि अमेरिका में इस तरह के मामले कम ही आते हैं। देश में विज्ञापनों से जुड़े विवादों को आपस में ही मिलबैठकर सुलझा लिया जाता है। उन्होंने कहा कि कई मामले तो सामने आते भी नहीं हैं।
-एजेंसियां