श्रीमद् भागवत कथा का अतिथियों द्वारा किया गया श्रवण…..
बेटा भाग्य से और बेटी सौभाग्य से पैदा होती है,बेटी का सम्मान करना ही अपना धर्म है-डॉ.कुसुम पाटीदार
उमरबन // रिपोर्टर-यश जैन
उमरबन // बेटी घर की भाग्य विधाता और उसी भाग्य विधाता के अनुसार संसार का निर्माण होता है। आज के समय में बेटी पर घृणा की जा रही है उसे गर्भ में मारने का प्रयास किया जा रहा है,लेकिन वह पाप का दोषी माना जाता है। बेटा भाग्य से मिलता है एवं बेटी सौभाग्य से जन्म लेती है। बेटी हमेशा माता-पिता,सास-ससुर का सम्मान करेगी लेकिन बेटा सम्मान नहीं दे पाएगा। यह बात कथावाचक पंडित सुनील उपाध्याय ने भागवत कथा के तीसरे दिन रविवार को धर्म सभा में प्रवचन के दौरान बेटी का महत्व बताते हुए कही। श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन वेदांत दर्शन सेवा समिति केसरपुरा फाटा ग्राम पंचायत लवाणी के तत्वाधान में सोसाइटी के संस्थापक स्वामी अखंड आनंद महाराज की पावन सानिध्य में आयोजित हो रही है। भागवत कथा में बतौर मुख्य अतिथि डॉ कुसुम पाटीदार ने कहा कि,घर की बेटी हमेशा अपने मान सम्मान के साथ अपने आप को साबित करने के लिए पैदा होती है। उसी बेटी का सम्मान करना अपना धर्म है। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी एवं अन्नपूर्णा सेवा समिति धामनोद के प्रमुख दीपक प्रधान ने कार्यक्रम को लेकर अपने विचार रखें। विशिष्ट अतिथि कवियित्री मधु सराफ ने आयोजकों का आभार माना। इस अवसर पर मुख्य अतिथि कुसुम पाटीदार का स्वागत गरिमा जायसवाल एवं संतोष पटेल द्वारा सम्मानित कर प्रशंसा पत्र दिया गया। अध्यक्षता कर रहे दीपक प्रधान का स्वागत डा. सुमित जायसवाल एवं अशोक जैन , दीपक ठाकुर , लीलाधर हरोरे , स्वतंत्र शुक्ला , अक्कू सेन , अटल साधु द्वारा किया गया। विशिष्ट अतिथि मधु सराफ का स्वागत वंदना हरोरे , कपूरी कुशवाह , शीतल किराड़े द्वारा किया गया। इस अवसर पर धामनोद समाचार के प्रधान संपादक विजय सिंघल का स्वागत कर प्रशंसा पत्र आयोजकों द्वारा दिया गया। कथा के पूर्व भागवत के मुख्य यजमान लीलाधर हरोरे सह पत्नीक एवं सुशील कुशवाहा सह पत्नीक पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम प्रारंभ किया। भागवत कथा के समापन पर भारतीय जवानों द्वारा आरती उतारी गई तत्पश्चात प्रसादी का वितरण किया गया। सभी अतिथियों ने वेदांत धाम मंदिर पहुंचकर भगवान की पूजा अर्चना कर स्वामी अखंडानंद से आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम का संचालन अंतर सिंह चौहान एवं अशोक जैन द्वारा किया गया